Friday, March 29Desi Khani
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Ma Beti ki Chudai : कॉलेज की लड़की और उसकी मा के साथ सेक्स

आजकल मेरी ज़िंदगी का सबसे अच्छा दिन चल रहा था कोई एक चूत मारने के लिए कितना परेशन रहता है, कितना खर्च करता है, कितना लाइन मारना पड़ता है, कितना खिलाना पिलाना पड़ता है, और मैं एक साधारण सा कार ड्राइवर मैं आजकल एक कॉलेज की लड़की और उसकी मदर से सेक्स कर रहा हू, ये सब हुआ कैसा मैं आपको आगे बताता हू,
मैं दिलीप पांडे दिल्ली मे रहता हू, मेरी पत्नी मुझे छोड़ कर चली गयी क्यों की मैं उससे बहूत चोदता था, इश्स वजह से वो अपने मायके चली गली, क्या करूँ इसमे मेरी क्या ग़लती है, बीवी है तो चुदाई तो करूँगा ही खैर जाने दो साली अच्छी ही चली गली अगर वो यहा रहती तो मैं कैसे एक नरम चूत और एक गरम चूत को चोद पाता मेरी उम्र 35 साल की है, मैं एक होटेल की कार चलाता हू, होटेल के गेस्ट को लाने ले जाने के लिए, मैं जिस मकान मे रहता हू उसकी बीच बाली फ्लोर पे एक मा बेटी अभी दिल्ली आई है बेटी का नाम सरिता है, और उसकी मा चाँदनी देवी करीब 42 साल की बड़ी ही हॉट और सेक्सी औरत है, दोनो एका पर से एक है, बेटी अगर गुलाब का फूल है तो मा गुलाब फूल की गुच्छा है. मैने जब से उन दोनो को देखा मुझे तो चोदने का मन करने लगा और मेरा सपना अपने आप ही सच हो गया.
कैसे ? तो मैं एक दिन रात को 12 बजे ड्यूटी से आया था तभी मा बेटी को देखा काफ़ी परेशन थी, उसके पापा दुबई मे रहते है वो दोनो सिर्फ़ पढ़ाई के लिए यहा रहते है, तो मैने जैसे ही अपने उपर फ्लोर पे जा रहा था तभी लड़की की मा ने कहा भाई साहब आप मेरी मदद करेंगे, मेरी बेटी के पेट मे दर्द हो रहा है हॉस्पिटल ले जाना है, ठंड का दिन था मैने सोचा मदद कर देनी चाहिए, मैने तुरंत हा कह दिया और हॉस्पिटल ले गया, डॉक्टर ने भारती कर ली, लड़की को इंजेक्शन लगाने के बाद नींद आ गयी डॉक्टर ने कहा मैने नींद की टॅबलेट भी दे दिया है ये अब सुबह ही उठेगी आप लोग भी आराम कर लो.

मैने कहा भाभी जी ठीक है मैं चलता हू, तो भाभी जी बोली नही नही आप मेरे पडोशी होने के नाते तो रुक ही सकते हो, मैं अकेली औरत क्या क्या कर सकती, हम दोनो बगल के बेड पे ही बैठ गये, करीब एक घंटे हो गया बात चीत करते करते रात के करीब 2 बज रहे थे, मैं देखा भाभी जी का ब्लाउस के उपर से दोनो बूब बाहर झाँक रहा था क्यों की उनकी बूब बहूत बड़ा बड़ा और काफ़ी टाइट थे, ब्लाउस से तो ऐसे लग रहा था उनके दोनो बूब अब ब्लाउस मे रहना नही चाहते है, मैने जैसे ही देखा मेरे दिमागा सटक गया , आपको पता है मैं काफ़ी चुडकड़ किस्म का इंसान हू, मेरे लंड टन गया, मैने संभालने की कोशिश की पर मेरे लंड नही मान रहा था, मैने कंबले ओढ़ के मूठ मारना सुरू कर दिया, तभी वो समझ गयी की मैं मूठ मार रहा हू, अचानक…..

वो बोली भाई साहब क्यों बर्बाद कर रहे है बाहर निकाल के, पडोशी होने के नाते तो मैं कुच्छ मदद तो कर ही सकती हू, मैने कंबले हटा दिया मेरा लंड कोब्रा की तरह खड़ा था, बोली वाउ कितना बड़ा और मोटा, ओह और वो झट से मेरे लंड को मूह मे ले ली, और उम्म्म्मम उम्म्म्मम उम्म्म्मममम कर के चूसने लगी, लैंड को मुह से बाहर तभी निकालती जब उसे साँस लेना होता था, मेरे तन बदन मे आग लग गया था, मैने उनके ब्लाउस के बटन खोल दिए और ब्रा का हुक भी, उनकी दोनो बड़ी बड़ी चुचि आज़ाद था, हवा मे लहरा रहे थे, फिर वो लेट गयी और मैने सारी को उपर उठाया वो पेंटी नही पहने थी, कमरे मे ज़्यादा लाइट नही था तो मैने मोबाइल का टोर्च जलाकर देखा तो उनका चूत मे काफ़ी बाल था और अंडर चूत गुफा की तरह लग रहा था चूत काफ़ी टाइट था, मैने दोनो उंगली से चूत के दोनो साइड के झिल्ली को हटाया लाल लाल दिख रहा था, मैने अपने लंड को चूत के उपर रखा और कस के दे दिया, वो तो चीख उठी, उूउउइईईईईई मा मर गयी, फिर मैने धीरे दीरे अंदर बाहर करने लगा और अपनी मजबूत हाथो से दोनो चुचियों को भी पकड़ रखा था, कस कस के ठोकने लगा, फिर वो घोड़ी बन गयी और मैं पीछे चौड़ा गांद को पकड़ के धक्के दे रहा था. आख़िर दोनो साथ मे ही झड़ गये, और एक दूसरे को पकड़ के सो गये आप ये कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ रहे है.

सुबह उठा तो भाभी बोली भाई साहब मैं घर से नहा के आ रही हू, मैने डॉक्टर से पुचछा तो बोला की शाम को छूटी मिलेगा, आप थोड़ा देर और रुक जाइए, मैं फिर वही रुक गया और वो घर चली गयी, सुबह के 6 बज रहे थे, तभी वो लड़की मुझे देखी और बोली अंकल आपने मेरे मा के साथ क्या किया रात मे, मैने सब देख लिया, डॉक्टर ने जो नींद की टॅबलेट दी थी वो मैने नही खाया था, क्यों की मुझे वोमेटिंग हो गयी थी, तब वो लड़की बोली मुझे भी आपको वैसे ही करना है, मैं भी चुदना चाहती हू, मैने आपका लंड देखा काफ़ी बड़ा है. मैने उसको किस किया और उसके चूच को हाथ मे लेके देखा शायद 34 साइज़ का होगा मैने चूच को दबाने लगा, और किस करने लगा, वो बोली अंकल थोड़ा जल्दी कर लो, कोई आ जाएगा सुबह हो गया है, मैने दरवाजा को लॉक किया अंदर से और उसके पेंट को उतार दिया और दोनो पैर को अपने कंधे पे रखा, और मैं बेड से नीचे खड़ा था, लड़की का चूत मेरे सामने था मेरे लंड का इंतज़ार कर रहा था मैने तोड़ा थूक लगाया और चूत के उपर रखा, और डालने लगा, लड़की काफ़ी च्चटपटाने लगी, क्यों की च्छेद काफ़ी छ्होटा था, मैने फिर थूक लगाया और अंडर पेल दिया,

वो रोने लगी, फिर मैने थोड़ा सहलाया और फिर एक झटका दिया लंड मेरा चूत के अंदर समा गया, वो दर्द से कराह रही थी क्यों की मेरा लंड काफ़ी मोटा था, और वो जवान वर्जिन गर्ल थी आज तक चुदि नही थी, फिर करीब 5 मिनिट बाद वो चुप हुई और फिर वो भी चुदवाने लगी, सुबह होने को थे इश्स वजह से मैने जल्दी जल्दी कर के उसके पेट पे सारे वीर्य निकाल दिया, लड़की ने कहा थॅंक्स अंकल.

ये कहानी का आज एक साल हो गया है, पर लड्डू अभी तक खा रहा हू, मै दोनो को चोदता हू, कभी मा मंदिर जाती है तो बेटी चुद जाती है और कभी बेटी कॉलेज जाती है तो मा चुद जाती है. मैं आजकल खूब मज़े ले रहा हू, और आपका क्या ख़याल है????

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