Friday, April 26Desi Khani
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Month: July 2015

मेरी बड़ी बहन – 2

मेरी बड़ी बहन - 2
जलन तो मेरे दिल में भी हो रही थी इतनी अच्छी चुचियों मेरी किस्मत में क्यों नहीं है. चूची एकदम दूध के जैसी गोरे रंग की थी. चूची का आकार ऐसा था जैसे किसी मध्यम आकार के कटोरे को उलट कर दीदी की छाती से चिपका दिया गया हो और फिर उसके ऊपर किशमिश के एक बड़े से दाने को डाल दिया गया हो. मध्यम आकार के कटोरे से मेरा मतलब है की अगर दीदी की चूची को मुट्ठी में पकड़ा जाये तो उसका आधा भाग मुट्ठी से बाहर ही रहेगा. चूची का रंग चूँकि हद से ज्यादा गोरा था इसलिए हरी हरी नसे उस पर साफ़ दिखाई पर रही थी, जो की चूची की सुन्दरता को और बढा रही थी. साइड से देखने के कारण चूची के निप्पल वन-डायेमेन्शन में नज़र आ रहे थे. सामने से देखने पर ही थ्री-डायेमेन्शन में नज़र आ सकते थे. तभी उनकी लम्बाई, चौड़ाई और मोटाई का सही मायेने में अंदाज लगाया जा सकता था मगर क्या कर सकता था मजबूरी थी मैं साइड व्यू से ही काम चला रहा था. निप्पलों

मेरी बड़ी बहन

मेरी बड़ी बहन
दुनिया में कुछ बाते कब और कैसे हो जाती है ये कहना बहुत मुश्किल है. जिसके बारे में आपने कभी कल्पना भी नहीं की होती वैसी घटनाये आपके जीवन को पूरी तरह से बदल कर रख देती है. बात इधर उधर घुमाने की जगह सीधा कहानी पर आता हूँ. मैं मुंबई में रहता था और वही एक प्राइवेट फर्म में नौकरी करने के साथ कंप्यूटर कोर्स भी करता था.मेरी बड़ी बहन भी वही रहती थी रहती थी. उसका पति एक प्राइवेट फर्म में काम करता था. अच्छा कमाता था, और उसने एक छोटा सा एक बेडरूम वाला फ्लैट ले रखा था. उनका घर छोटा होने के कारण मैं वहां नहीं रह सकता था. मगर उनके घर के पास ही मैंने भी एक कमरा किराये पर ले लिया था.मेरी बहन का नाम कविता था. शादी के 4 साल बाद भी उसे कोई बच्चा नहीं था और शायद होने की सम्भावना भी नहीं थी. क्योंकि उसका पति थोड़ा सनकी किस्म का था . उसके दिमाग में पता नहीं कहाँ से अमीर बन ने का भूत सवार हो गया था. हालाँकि ये हम

लंड की प्यासी सौतेली माँ और नानी

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मैं रामू १८ साल का तंदुरुस्त जवान बेटा हु. हम लोग यूपी के गावं में रहते है. जब मैं १० साल का था, तो मेरी माँ का देहांत हो गया था. और पिताजी ने २२ साल की एक गरीब लड़की से दूसरी शादी कर ली. हम लोग खेतीबाड़ी करके अपना दिन गुजारते थे. मैंने ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं होने की वजह से घर पास की एक छोटी सी किराने की दूकान खोल की थी. पिता जी खेती पर जाते थे. मैं और मेरी सौतेली माँ दूकान पर बैठते थे. जब मैं १५ साल का था, तो पिता जी का अचानक देहांत हो गया. अब घर में केवल मैं और मेरी सौतली माँ रहते थे. मेरी सौतेली माँ को मैं माँ ही बोलता था. घर का एकलौता बेटा होने की वजह से माँ मुझसे प्यार काफी करती थी. मेरी माँ थोड़ी मोटी और सांवली है और उसकी उम्र ३१ साल की हो चुकी है. उसके चुतड काफी मोटे है और जब वो चलती है तो उसके चुतड हिलते है. उसके बूब्स भी बड़े-बड़े है. मैं कई बार उनको नहाते हुए देखा था.पिता जी के देहांत क

प्यासी चाची

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आज मैं एक असली कहानी सुनाने जा रहा हूँ। यह घटना मेरे साथ १ साल पहले घटी थी जब मेरी उमर २१ साल थी। दरअसल बात मेरे भइया की शादी से शुरू होती है जो कि जबलपुर में थी। वैसे तो मैं भोपाल शहर का रहने वाला हूँ। पर अपने भाई की शादी होने की वजह से मैं जबलपुर गया था जहाँ हमारे सारे रिश्तेदार आए थे। जिनमें से एक थी सपना चाची। वैसे तो वो मेरी दूर की रिश्तेदार थी पर उनके साथ मैं घुल मिल गया था।वो दिल्ली की रहने वाली थी, पर उनके पति का देहांत कई सालों पहले हो हो चुका था। सपना चाची की उमर करीब ३०-३२ साल है । पर देखने में वो बला सी खूबसूरत हैं। उनका जिस्म देख के सारे शरीर मैं कंपकपी होने लगती है। उनका फिगर ३६-२४-३६ है। और वो हमेशा थोड़ा पतले कपड़े का बलाउज़ पहनती हैं जिसमें से उनकी ब्रा साफ़ साफ़ दिखती थी।शादी को अभी २ दिन बाकी थे और घर में भीड़ होने की वजह से कुछ लोगों ने तय किया कि वो छत पे सोयेंगे। उन ल