मैं चुप रहूँगा ( hindi sexy story )
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कॉलेज में हड़ताल होने की वजह से मैं बोर हो कर ही अपने घर को कानपुर चल पड़ा। हड़ताल के कारण कई दिनो से मेरा मन होस्टल में नहीं लग रहा था। मुझे माँ की बहुत याद आने लगी थी। वो कानपुर में अकेली ही रहती थी और एक बैंक में काम करती थी। मैं माँ को आश्चर्यचकित कर देने के लिये बिना बताये ही वहां पहुँचना चाहता था।शाम ढल चुकी थी। गाड़ी कानपुर रेलवे स्टेशन पर आ गई थी। मैंने बाहर आ कर जल्दी से एक रिक्शा किया और घर की तरफ़ बढ़ चला।घर पहुँचते ही मैंने देखा कि घर के अहाते में मोटर साईकिल खड़ी हुई थी। मैंने अपना बैग वही वराण्डे में रखा और धीरे से दरवाजा को धक्का दे दिया। दरवाजा बिना किसी आवाज के खुल गया। मैंने अपना बैग उठाया और अन्दर आ गया। अन्दर मम्मी और एक अंकल के बातें करने की और खिलखिला कर हंसने की आवाज आई। बेडरूम अन्दर से बन्द था। घर में कोई नहीं था इसलिये अन्दर की खिड़की आधी खुली हुई थी क्योंकि इस समय हमारे घ